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मेरे करोड़ों बच्चे भारत को विश्वगुरु बनायेंगे । आनेवाले वर्षों में भारत विश्वगुरु के पद से अवश्य सम्मानित होगा, इसमें कोई संदेह नहीं है ।" ये ब्रह्मसंकल्प है ज्ञान, योग व भक्ति के अनुभवनिष्ठ महापुरुष पूज्यपाद संत श्री आशारामजी बापू का । पूज्य बापूजी कहते हैं कि स्वस्थ, सुखी एवं सम्मानित जीवन मनुष्यमात्र की माँग है और इसे पूर्ण करने के लिए समग्र विश्व में केवल भारतीय संस्कृति के दिव्य संस्कारों का ज्ञान ही सक्षम है ।
गर्भस्थ शिशु व गर्भिणी के उचित पोषण हेतु आयुर्वेदीय चिकित्सा का अनमोल उपहार …
गर्भस्थ शिशु व गर्भिणी के उचित पोषण हेतु होमियोपैथिक चिकित्सा का अनमोल उपहार …
गर्भस्थ शिशु व गर्भिणी के उचित पोषण हेतु होमियोपैथिक चिकित्सा का अनमोल उपहार …
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