श्लोक उच्चारण का महत्व
शास्त्रों में ऐसा वर्णित है और वैज्ञानिकों ने भी इसे प्रमाणित किया है की यदि नियमित संस्कृत के श्लोकों का उच्चारण किया जाए तो स्मरण शक्ति बढ़ती है और शब्दों का उच्चारण स्पष्ट होता है अतः गर्भवती को चाहिए की वह नियमित रूप से श्रीमद भगवद गीता का पाठ करें जिससे गर्भस्थ शिशु की स्मरण शक्ति में वृद्दि हो और जन्म के बाद जब बच्चा बोलना शुरू करे तो उसके शब्दों के उच्चारण स्पष्ट होंगे। और श्रीमद भगवद गीत अपने आप में एक ऐसा ग्रंथ है जो ज्ञान का सागर है अगर ऐसे गरबटह का पठन गर्भवती करेगी तो निश्चित ही उसकी संतान दैवीय गुणों से सम्पन्न होगी।