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Home remedies for baby - Divya Shishu Sanskar By Mahila Utthan Mandal

शिशुओं की सामान्य समस्याओं के शास्रोक्त घरेलू उपचार

बालकों की छोटी- छोटी समस्याओं से घबराकर उन्हें अंग्रेजी दवाईरूपी जहर न खिलायें | निम्न आयुर्वेदिक घरेलू उपचार करें अथवा वैद्यकीय सलाह लें ।

सर्दी, जुकाम – पीपर + सोंठ + वचा + बहेड़ा 

सर्दी, खाँसी, बुखार – पीपर +  सोंठ +  वचा +  बहेड़ा +  नागरमोथा

भूख न लगना – पीपर + सोंठ + हरड़

पेट दर्द – मरोडफली (मरडासिंगी/ मुरुडशेंग) +  सोंठ + अतिविष

उल्टी – नागरमोथा + अतिविष

कब्ज – हरड़ + मुलहठी + सोंठ 

चिकने दुर्गंधयुक्त दस्त – मरोडफली +  सोंठ +  अतिविष

त्वचा पर चकत्ते, फुंसियाँ – हल्दी +  नागरमोथा + विडंग चटायें,  हल्दी अथवा मुलहठी का लेप करें ।

नींद न आना – जायफल को पानी में घिसकर ललाट पर लगायें ।

पीपर

सोंठ

अतिविष

वचा

बहेड़ा

पीपर
सोंठ
वचा
अतिविष
बहेड़ा

प्रयोग विधि – चंदन घिसने के पत्थर व अपने हाथों को गरम पानी से धोकर, पोंछकर, माता के दूध अथवा गौदुग्ध में उपरोक्त साबुत औषधियों को चंदन की तरह वर्तुलाकार घिसकर लेह (Paste) बनायें । तिलक लगाने के लिए जितना चंदन उंगली पर लेते हैं उतनी मात्रा में प्रथम माह में शिशु को लेह-औषधि चटायें । आवश्यकतानुसार दिन में एक या दो बार चटा सकते हैं । आयु के साथ-साथ औषधियों की मात्रा को धीरे-धीरे बढ़ा दें । उपयोग के बाद शेष बची औषधियों को धोकर, धूप में सुखाकर स्टील अथवा काँच की डिब्बी में सुरक्षित रखें । 

जायफल
नागरमोथ
विडंग
मरोडफली
हल्दी

जायफल

नागरमोथ

विडंग

मरोडफली

हल्दी

नाभि पकने पर

नाभि पर चंदन, हल्दी, मुलहठी या दारुहल्दी का चूर्ण भुरभुराएँ।

पेट की समस्याएँ

५ ग्राम सौंफ लेकर थोड़ा कूट लें। एक गिलास उबलते हुए पानी में डालें व उतार लें और ढँककर ठंडा होने के लिए रख दें | ठंडा होने पर मसलकर छान लें । यह सौंफ का १ चम्मच पानी १-२ चम्मच दूध में मिलाकर दिन में ३ बार शिशु को पिलाने से शिशु को पेट फूलना, दस्त, अपच, मरोड़, पेटदर्द होना आदि उदर विकार नहीं होते हैं। दाँत निकलते समय यह सौंफ का पानी शिशु को अवश्य पिलाना चाहिए।

दाँत निकलने पर

तुलसी के पत्तों का रस शहद में मिलाकर मसूढ़ों पर घिसने से बालक केदाँत बिना तकलीफ के उग जाते हैं। मुलह्ठी का चूर्ण मसूढ़ों पर घिसने से दाँत जल्दी निकलते हैं।

मुँह से लार निकलना

अदरक एवं तुलसी के २ से ४ बूँद समभाग रस में थोड़ा-सा शहद मिलाकर चटायें । आँवले के आधे से १ ग्राम चूर्ण को गाय के घी के साथ मिलाकर चटाने से थोड़े ही दिनों में तुतलापन दूर हो जाता है।

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गर्भ संस्कार केन्द्र में सम्पर्क करें -
गर्भस्थ शिशु को सुसंस्कारी बनाने तथा उसके उचित पालन-पोषण की जानकारी देने हेतु पूज्य संत श्री आशारामजी बापू द्वारा प्रेरित महिला उत्थान मंडल द्वारा लोकहितार्थ दिव्य शिशु संस्कार अभियान प्रारंभ किया गया है ।