पवित्र पीपल वृक्ष के आरक्त (लाल) सुकोमल पत्तों से सूर्य और चन्द्रमा की किरणों में बनाया हुआ यह ‘पीपलकंद’ पीपल के दिव्य गुणों को अपने में सँजोया हुआ है ।
यह अत्यंत सात्त्विक, शीतल, उत्तम पित्तशामक, हृदय व नाड़ी संस्थान (nervous system) के लिए बलकारक, गर्भपोषक, रक्तशुद्धिकर, पुष्टि व तृप्ति कारक एवं मनःशांतिकर है ।
लाभ
(१) गर्मी व पित्तजन्य समस्याएँ जैसे – दाह, जलन, छाले, लू लगना, अधिक मासिक स्राव आदि में राहत मिलती है ।
(२) यह हृदय को बल देता है तथा रक्त की शुद्धि करता है, जिससे हृदय की कार्यक्षमता में वृद्धि होकर हृदयाघात (heart attack) से रक्षा होती है ।
(३) कामविकार व स्वप्नदोष को नियंत्रित करता है । क्रोधी स्वभाव का नियमन करने में पीपलकंद अनुपम है ।
(४) महिलाओं में होनेवाले अत्यधिक मासिक स्राव, श्वेतप्रदर आदि विकारों को दूर करने में सहायक है । यह बार बार होनेवाले गर्भपात से रक्षा करता है । उत्तम गर्भपोषक होने से गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष सेवनीय है ।
सेवन विधि
सुबह-शाम ५ से १० ग्राम पीपलकंद खूब चबा-चबाकर खायें । ऊपर से न दूध लें न पानी लें
प्राप्ति स्थान : संत श्री आशारामजी आश्रम, अहमदाबाद
संपर्क : 07961210730, 07061210888
गर्भस्थ शिशु को सुसंस्कारी बनाने तथा उसके उचित पालन-पोषण की जानकारी देने हेतु पूज्य संत श्री आशारामजी बापू द्वारा प्रेरित महिला उत्थान मंडल द्वारा लोकहितार्थ दिव्य शिशु संस्कार अभियान प्रारंभ किया गया है ।