श्वासोच्छ्वास
आज आधुनिक वैज्ञानिक, संत-महापुरुषों की इस देन एवं इसमें छुपे रहस्यों के कुछ अंशों को जानकर चकित हो रहे हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार ध्यान के समय आने-जाने वाले श्वास पर ध्यान देना हमें न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक विकारों के भी दूर रखता है। इससे तनाव व बेचैनी दूर होते हैं और रक्तचाप नियंत्रित होता है।
पूज्य बापू जी द्वारा बतायी गयी श्वासोच्छ्वास की गिनती की साधना और ॐकार का प्लुत उच्चारण ऐसे अनेक असाधारण लाभ प्रदान करते हैं, साथ ही ईश्वरीय शांति एवं आनंद की अनुभूति कराते है, जो वैज्ञानिकों को भी पता नहीं है।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय में एक अध्ययन में पाया गया कि ध्यान के दौरान जब हम अपने हर एक श्वास पर ध्यान लगाते हैं तो इसके साथ ही हमारे मस्तिष्क के कॉर्टेक्स नाम हिस्से की मोटाई बढ़ने लगती है, जिससे सम्पूर्ण मस्तिष्क की तार्किक क्षमता में बढ़ोतरी होती है।
श्वास अंदर गया तो ओम् या राम, बाहर आया तो एक… अंदर गया तो शांति या आनंद, बाहर आया तो दो… श्वास अंदर गया तो आरोग्यता, बाहर आया तो तीन… इस प्रकार अगर ५० की गिनती बिना भूले रोज कर लो ।’ अगर ५० की गिनती में मन गलती कर दे तो फिर से शुरू से गिनो । मन कुछ अंश में वश भी होने लगेगा, फिर ६०, ७०…. बढाते हुए १०८ तक की गिनती का नियम बना लो । १ मिनट में १३ श्वास चलते हैं तो १०८ की गिनती में १० मिनट भी नहीं चाहिए लेकिन फायदा बहुत होगा । घंटोंभर क्लबों में जाने की जगह ८- १० मिनट का यह प्रयोग करें तो बहुत ज्यादा लाभ होगा ।”
प्रतिदिन रात्रि को सोते समय यह अभ्यास करने से आपकी निद्रा योगनिद्रा बन जायेगी । जो आपकी कई समस्याओं के समाधान में भी मददरुप सिद्ध होगी ।
यह अभ्यास गर्भस्थ शिशु में अलौकिक योग्यताओं का विकास करेगा ।
श्वासोच्छ्वास
आज आधुनिक वैज्ञानिक संत-महापुरुषों की इस देन एवं इसमें छुपे रहस्यों के कुछ अंशों को जानकर चकित हो रहे हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार ध्यान के समय आने-जाने वाले श्वास पर ध्यान देना हमें न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक विकारों के भी दूर रखता है। इससे तनाव व बेचैनी दूर होते हैं और रक्तचाप नियंत्रित होता है।
पूज्य बापू जी द्वारा बतायी गयी श्वासोच्छ्वास की गिनती की साधना और ॐकार का प्लुत उच्चारण ऐसे अनेक असाधारण लाभ प्रदान करते हैं, साथ ही ईश्वरीय शांति एवं आनंद की अनुभूति कराते है, जो वैज्ञानिकों को भी पता नहीं है।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय में एक अध्ययन में पाया गया कि ध्यान के दौरान जब हम अपने हर एक श्वास पर ध्यान लगाते हैं तो इसके साथ ही हमारे मस्तिष्क के कॉर्टेक्स नाम हिस्से की मोटाई बढ़ने लगती है, जिससे सम्पूर्ण मस्तिष्क की तार्किक क्षमता में बढ़ोतरी होती है।
श्वास अंदर गया तो ओम् या राम, बाहर आया तो एक… अंदर गया तो शांति या आनंद, बाहर आया तो दो… श्वास अंदर गया तो आरोग्यता, बाहर आया तो तीन… इस प्रकार अगर ५० की गिनती बिना भूले रोज कर लो ।’ अगर ५० की गिनती में मन गलती कर दे तो फिर से शुरू से गिनो । मन कुछ अंश में वश भी होने लगेगा, फिर ६०, ७०…. बढाते हुए १०८ तक की गिनती का नियम बना लो । १ मिनट में १३ श्वास चलते हैं तो १०८ की गिनती में १० मिनट भी नहीं चाहिए लेकिन फायदा बहुत होगा । घंटोंभर क्लबों में जाने की जगह ८- १० मिनट का यह प्रयोग करें तो बहुत ज्यादा लाभ होगा ।”
प्रतिदिन रात्रि को सोते समय यह अभ्यास करने से आपकी निद्रा योगनिद्रा बन जायेगी । जो आपकी कई समस्याओं के समाधान में भी मददरुप सिद्ध होगी ।
यह अभ्यास गर्भस्थ शिशु में अलौकिक योग्यताओं का विकास करेगा ।
Hits: 183