सनातन संस्कृति से दिनोंदिन दूर हो रही हमारी पीढ़ी के मन में, फिर चाहे वो युवा हों या बच्चे, अक्सर प्रश्न उठते रहते हैं – ऐसा क्यों, वैसा क्यों ? ख़ासकर कि हमारी वैदिक संस्कृति से रीति-रिवाजों पर तो प्रश्नों की बौछार होती ही रहती है ? ऐसा करने से क्या होगा, वैसा करने से क्या होगा, आदि आदि । उत्तर भी तार्किक और वैज्ञानिक ही अपेक्षित होते हैं । इसलिए दिव्य शिशु गर्भ संस्कार शुरू कर रहा है एक ऐसी श्रृंखला जो हम सभी को हमारे ऋषि-मुनियों के बनाये नियमों, रीति-रिवाजों, परम्पराओं और उनके पीछे छिपे वैज्ञानिक रहस्यों से परिचित करवाएगी । आप सभी से निवेदन है कि अपनी इस वैदिक और वैज्ञानिक धरोहर को अपनी आनेवाली पीढ़ी तक अवश्य पहुँचायें ।
गर्भस्थ शिशु को सुसंस्कारी बनाने तथा उसके उचित पालन-पोषण की जानकारी देने हेतु पूज्य संत श्री आशारामजी बापू द्वारा प्रेरित महिला उत्थान मंडल द्वारा लोकहितार्थ दिव्य शिशु संस्कार अभियान प्रारंभ किया गया है ।