शीतऋतु में अमृततुल्य... खजूर और छुहारे

खजूर मधुर, शीतल, पौष्टिक व सेवन करने के बाद तुरंत शक्ति-स्फूर्ति देनेवाला है ।

यह रक्त, मांस व वीर्य की वृद्धि करता है । हृदय व मस्तिष्क को शक्ति देता है । वात, पित्त व कफ इन तीनों दोषों का शामक है । यह मल व मूत्र को साफ लाता है ।

खजूर में कार्बोहाइड्रेटस, प्रोटीन्स, कैल्शियम, पौटैशियम, मैग्नेशियम, फॉस्फोरस, लौह आदि प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं ।

‘अमेरिकन कैंसर सोसायटी’ के अनुसार शरीर को एक दिन में 20-35 ग्राम डायटरी फाइबर (खाद्य पदार्थों में स्थित रेशा) की जरूरत होती है, जो खजूर खाने से पूरी हो जाती है ।

खजूर रातभर पानी में भिगोकर सुबह लेना लाभदायक है। कमजोर हृदयवालों के लिए यह विशेष उपयोगी है। खजूर यकृत (लीवर) केरोगों में लाभकारी है।

कृश एवं दुर्बल व्यक्ति बीज निकले 5 खजूर घी में सेंककर सुबह चावल के साथ खाये । इससे वज़न एवं बल में वृद्धि होती है ।

रक्ताल्पता में इसका नियमित सेवन लाभकारी है ।

नींबू के रस में खजूर की चटनी बनाकर खाने से भोजन की अरुचि मिटती है ।

खजूर का सेवन बालों को लम्बे, घने और मुलायम बनाता है ।

 

वीर्यवर्धक खजूर –

5-7 खजूर तथा 25-30 किशमिश प्रतिदिन सेवन करने से रक्त की वृद्धि होती है । दुर्बल शरीर मन वाले एवं जिनका वीर्य क्षीण हो गया है, ऐसे लोगों के लिए प्रतिदिन प्रातः इनका सेवन लाभदायक है ।

5-7 खजूर व रात को भिगोकर छिलके उतारे हुए 5 बादाम सुबह दूध के साथ कुछ महीने सेवन करने से वीर्य की वृद्धि होती है और शीघ्रपतन की विकृति नष्ट होती है ।

दो खजूर लेकर गुठली निकालकर उनमें शुद्ध घी व एक-एक काली मिर्च भरें । इन्हें गुनगुने दूध के साथ एक महीने तक नियमित लें । इससे शरीर पुष्ट व बलवान होगा, शक्ति का संचार होगा ।

शुक्राल्पता – 

गाय के घी अथवा बकरी के दूध के साथ खजूर लेने से शुक्राणुओं की वृद्धि होती है ।

सर्दियों में सुबह 4 से 5 खजूर को घी में सेंककर खा लें । ऊपर से इलायची, मिश्री व 2 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण डालकर उबाला हुआ दूध पियें । इससे रक्त, मांस व शुक्र धातु की वृद्धि होती है ।

नपुंसकता – खजूर में 1 ग्राम दालचीनी का चूर्ण मिलाकर सुबह गुनगुने दूध के साथ सेवन करने से नपुंसकता में लाभ होता है ।

अन्य सरल एवं हितकर प्रयोग

छुहारे की पौष्टिक खीर

लाभ : यह खीर बालकों के शरीर में रक्त, मांस, बल तथा रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाती है। टी.बी., कुक्कर खाँसी, सूखारोग आदि से बच्चों का रक्षण करती है। गर्भिणी स्त्री यदि तीसरे महीने से इसका नियमित सेवन करे तो गर्भ का पोषण उत्तम होता है। कुपोषित बालकों व गर्भिणी स्त्रियों के लिए यह खीर अमृततुल्य है।
बनाने की विधि : १ से ३ मीठे छुहारे रात को पानी में भिगो दें । सुबह गुठली निकालकर पीस लें । एक कटोरी दूध में थोड़ा पानी, पिसे छुहारे व मिश्री मिलाके उबाल लें । खीर तैयार !

शिशु स्वास्थ्यवर्धक

बच्चों को दस्त लगने पर – बच्चों के दाँत निकलते समय उन्हें बार-बार हरे दस्त होते हों या पेचिश पड़ती हो तो खजूर के साथ शहद को अच्छी तरह फेंटकर एक-एक चम्मच दिन में 2-3 बार चटाने से लाभ होता है ।

लाभकारी छुहारे

यदि बच्चे रात्रि में बिस्तर गीला करते हो तो.... १. दो छुहारे रात्रि में भिगोकर सुबह दूध में उबाल के दें । २. बच्चों के लिए 2-4 खजूर अच्छी तरह धोकर रात को भिगोकर सुबह खिलायें ।

 

सावधानी

आजकल खजूर को वृक्ष से अलग करने के बाद रासायनिक पदार्थों के द्वारा सुखाया जाता है।

ये रसायन शरीर के लिए हानिकारक होते हैं। अतः उपयोग करने से पहले खजूर/छुहारे को अच्छी तरह धो लें ।

धोकर सुखाने के बाद इन्हें विभिन्न प्रकार से उपयोग किया जा सकता है ।

होली के बाद खजूर खाना हितकारी नहीं है ।

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