प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग से होता है भारी नुकसान

यदि आपकी धर्मपत्नी के गर्भ में एक नन्हीं-सी जान पल रही है, और ऐसे में भी आप उसके आसपास या घर में धुम्रपान कर रहे हैं तो सावधान ! आपकी यह लत न सिर्फ आपके और आपकी गर्भवती पत्नी के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी घातक है ।

बीड़ी-सिगरेट के धुएँ के संपर्क में आने से कई खतरनाक रसायन फेफड़े के माध्यम से शरीर में पहुँच जाते हैं तथा बच्चे को क्षति पहुँचाते हैं । कुछ अन्य रसायन गर्भ तक ले जानेवाली नलियों को सिकोड़कर छोटा कर देते हैं । कई बार तो धुएँ के कारण blood  circulation सही ढंग से नहीं होने से lungs और heart तक ब्लड नहीं पहुँच पाता । प्लेसेंटा में भी ब्लड नहीं पहुँचने से प्लेसेंटा develop नहीं हो पाता है और बच्चे का आकार छोटा और वजन कम रह जाता है जिससे pre-mature delivery का risk बढ़ जाता है ।

यह धुआँ आपके बच्चे की देखने और सुनने की क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है । धूम्रपान के कारण गर्भ में पल रहे बच्चे के हृदय को धड़कने के लिए ज्यादा श्रम करना पड़ता है । इतना ही नहीं, मानसिक विकलांगता, Cerebral palsy और Sudden Death Syndrome (अकस्मात शिशु मृत्यु सिंड्रोम) का खतरा भी बढ़ जाता है । प्रारंभिक महीनों में धुम्रपान के धुंएँ के कारण गर्भपात, ectopic pregnancy (अस्थानिक गर्भावस्था), Placental Abruption की सम्भावना बढ़ जाती हैं ।

बीड़ी-सिगरेट में निकोटिन, कार्बन मोनोऑक्साइड और टार नामक हानिकारक रसायन होते हैं जो neurological development में बाधा, endocrine dysfunction और Oncogenesis जैसी समस्‍याओं का कारण बन सकते  हैं । ये रोग कभी-कभी जन्‍म के साथ ही तो कभी बचपन में देर से उत्‍पन्‍न होते हैं । प्रसव के बाद भी बच्चे के स्वास्थ्य पर धुएँ के नकारात्‍मक प्रभाव पड़ते हैं । जो माता-पिता धूम्रपान करते हैं, उनके बच्चों में पहले साल में ब्रोंकाईटिस (Bronchitis) और न्युमोनिया (Pneumonia) के आदि होने की शक्यता अधिक होती है । यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग के शोधकर्ताओं ने बताया कि लगभग 700 केमिकल्स के कॉकटेल वाला सिगरेट बच्चे के शरीर में लीवर के विकास के लिए बेहद हानिकारक है ।

गर्भधारण की तैयारी कर रहे दंपत्तियों को भी इस विषय में सजग रहना चाहिए क्योंकि पति के या ऑफिस में सहकर्मियों के स्मोकिंग करने से उत्पन्न होनेवाले धुएँ से महिला के गर्भवती होने की संभावना कम हो सकती है । यह धुआँ न केवल ओवरीज, बल्कि एंडोमेट्रियल लाइनिंग को भी प्रभावित करता है, जिससे महिलाओं की फर्टिलिटी की क्षमता प्रभावित होती है । इस धुएँ में वे सभी कैंसरकारक और जहरीले पदार्थ होते हैं, जो कोई स्मोकर सीधे तौर पर लेता है । सिगरेट के धुएँ के विभिन्‍न उत्‍पाद, जैसे बेंजो पायरीन, कैडमियम और निकोटिन का मैटाबोलाइट कोटिनाइन अंडाशय के कोष तक पहुँच जाते हैं और अंडे के निषेचन की क्षमता को कम करते हैं । पुरुषों में पैसिव स्‍मोकिंग से शुक्राणुओं के डी.एन.ए. को क्षति होती है, जिससे न केवल इनफर्टिलिटी होती है, बल्कि संभावित शिशु बननेवाले भ्रूण में Epigenetics changes भी होते हैं ।

वो परिजन जो बच्चों की उपस्थिति में बीड़ी-सिगरेट आदि पीते हैं, उनके बच्चों की रक्त नलिकाओं की दीवारें मोटी होने लगती हैं जिससे भविष्य में हृदय रोग की संभावना बढ़ जाती है । घर में किये जानेवाले धूम्रपान के धुएँ से अवयस्क बच्चों को अत्यधिक हानि पहुँचती है । ब्रिटेन में वैज्ञानिकों के एक दल ने ऐसे 315 घरों का अध्ययन किया जहाँ पर धूम्रपान किया जाता था उन्होंने पाया कि धूम्रपान का शिशुओं के स्वास्थ्य पर बड़ा भारी दुष्प्रभाव पड़ता है । उनके मूत्र में निकोटिन का सह-उत्पाद कोटनाइन पाया गया यह कोटनाइन असमय ही बच्चों के लिंग पर दबाव डालने लगता है, जिससे बच्चों की प्रवृत्ति कामुक बनती जाती है ।

इसलिए धूम्रपान करनेवालों से अनुरोध है कि वे कम-से कम अपने बच्चों के स्वास्थ्य एवं चारित्र्य की रक्षा की खातिर तो धूम्रपान छोड़ दें ।

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