अखंड सौभाग्य देने वाला वटसावित्री व्रत (26  मई) वटसावित्री पर्व नारी-सशक्तिकरण का पर्व है, जो कि अपने सामर्थ्य की याद
प्रह्लाद जैसी संतान चाहिए तो... हमारे ऋषि-मुनियों ने खोज करके अनादिकाल से यह बताया हुआ है कि बच्चे को गर्भावस्था
ये साधना आपको शीघ्र बना देगी धर्मात्मा और महान आत्मा (वैशाखी पूर्णिमा - 12 मई)  यह पूनम आपके जीवन में स्वास्थ्यदायक
ब्रह्मसूत्र रचयिता श्रीमद् आद्यशंकराचार्य जी (श्रीमद् आद्यशंकराचार्य जयंतीः 2 मई )जब-जब वसुधा पर धर्म का, होने लगता ह्रास है ।तब-तब
गर्मियों में गर्भवती बहनों के लिए BEST... पीपलकंद पवित्र पीपल वृक्ष के आरक्त (लाल) सुकोमल पत्तों से सूर्य और चन्द्रमा
ग्रीष्मऋतु में कैसे करें स्वास्थ्य की देखरेख ? वसंत ऋतु की समाप्ति के बाद ग्रीष्म ऋतु का आगमन होता है।
अपना जन्म दिव्यता की ओर ले चलो अवतरण दिवस (19 अप्रैल) जन्म कर्म च मे दिव्यमेवं यो वेत्ति तत्त्वतः ।त्यक्त्वा देहं
हनुमानजी के दिव्य गुण हनुमान जी का सेवाभावएक दिन भगवान श्री रामचन्द्रजी और भगवती सीताजी झूले पर विराजमान थे। हनुमानजी
कौशल्यानंदन श्रीराम श्रीरामचन्द्र जी परम ज्ञान में नित्य रमण करते थे । ऐसा ज्ञान जिनको उपलब्ध हो जाता है, वे
ध्यान  संस्कार साधना के क्रम में आज हम चर्चा करेंगे ऐसी साधना के विषय में है जो आध्यात्मिक जगत का

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गर्भस्थ शिशु को सुसंस्कारी बनाने तथा उसके उचित पालन-पोषण की जानकारी देने हेतु पूज्य संत श्री आशारामजी बापू द्वारा प्रेरित महिला उत्थान मंडल द्वारा लोकहितार्थ दिव्य शिशु संस्कार अभियान प्रारंभ किया गया है ।