देशी गाय का दूध शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक शक्ति में वृद्धि करता है । गोदुग्ध में तेज तत्त्व अधिक मात्रा में एवं पृथ्वी तत्त्व बहुत कम मात्रा में होने से इसका सेवन करनेवाला प्रतिभासम्पन्न व तीव्र ग्रहण शक्तिवाला हो जाता है । गोदुग्ध में उपस्थित ‘सेरीब्रोसाइड्स’ मस्तिष्क को ताजा रखने एवं बौद्धिक क्षमता बढ़ाने के लिए उत्तम टॉनिक का काम करते हैं ।
‘डूडी विश्वविद्यालय’ के शोधकर्ताओं द्वारा इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, इटली तथा बेल्जियम के १५० बच्चों पर एक अध्ययन किया गया । इन बच्चों को दो समूहों में बाँटा गया । एक समूह उन बच्चों का था जो नियमित रूप से दूध पीते थे और दूसरे समूह में वे बच्चे थे जो दूध नहीं पीते थे । अध्ययन के बाद शोधकर्ता इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि अन्य पोषक आहार का सेवन करनेवाले लेकिन दूध न पीनेवाले बच्चों के मुकाबले में दूध पीनेवाले बच्चे ज्यादा समझदार व ताकतवर होते हैं । इससे बच्चों का बेहतर विकास होता है । दूध के सेवन से न केवल दिमागी शक्ति में वृद्धि होती है बल्कि समस्याओं का भी बेहतर ढंग से समाधान कर पाना सम्भव होता है ।
शोध से यह भी पता चला कि दूध पीनेवाले बच्चों में निम्न रक्तचाप से लड़ने की क्षमता भी अधिक होती है । ‘अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान’ (एम्स) के अनुसार ‘हड्डियों के रोगों से बचने के लिए छोटी उम्र से ही दूध पीने की आदत डालनी चाहिए । नियमित रूप से दूध पीनेवाले लोगों में बीमारियाँ नहीं पनपतीं, उन्हें कमजोरी नहीं सताती ।’
गाय का दूध पीनेवाले प्रसन्न रहते हैं । गाय के दूध में ‘ट्रिप्टोफेन’ सबसे अधिक पाया जाता है जो ‘सेरोटोनिन’ हार्मोन की कमी नहीं होने देता । इस हार्मोन की कमी से ही मनोदशा बिगड़ती है ।
यदि आप चाहते हैं कि आपका शरीर सुंदर एवं सुगठित हो, वजन एवं कद में खूब वृद्धि हो, आप मेधावी और प्रचंड बुद्धिशक्तिवाले व विद्वान बनें तो नियमित रूप से देशी गाय के दूध, घी, मक्खन का सेवन करें । अपने बच्चों को भी देशी गाय का दूध, मक्खन, घी खिलायें ।