गर्भनाल काटने का सही समय ऋषि विज्ञान ऋषियों-महापुरुषों के वचनों पर अध्ययन एवं अन्वेषण कर विज्ञान बहुत ही अचरज व्यक्त
अधिक मास: 18 जुलाई से 16 अगस्त 2023 अधिक मास अधिक मास को 'मल मास' पाप-ताप नाशक या 'पुरुषोत्तम मास'
चतुर्मास में विशेष पठनीय – पुरुष सूक्त     जो चतुर्मास में संध्या के समय भगवान विष्णु के आगे खड़े
सत्संग सत्संग क्या है ? सत्यस्वरूप जो पहले था, अभी है, बाद में रहेगा उसको जानने की रुचि होना यह
श्वासोश्वास की साधना... हर कोई चिंतित है... इन्द्रियों का स्वामी मन है और मन का स्वामी प्राण है । प्राण
भगवन्नाम गर्भस्थ शिशु को गर्भ में अपने अनेक पूर्व जन्मों का स्मरण रहता है । इसलिए हमारे शास्त्रों में गर्भस्थ
प्रार्थना घर आँगन में किलकारियों की गूंज किसे अच्छी नहीं लगती ? इस गूंज की चाह में बच्चे के जन्म
हरि ॐ गुंजन महत्त्व : मातृत्व का सुख बहुत ही सौम्य और मधुर होता है । गर्भावस्था में इस सुख
गर्भस्थ शिशु के लिए केवल माँ की नहीं...पिता की भी भूमिका महत्वपूर्ण           नि:संदेह माता और गर्भस्थ
गर्भिणी पर टेलीविजन के घातक प्रभाव  गर्भावस्था में माँ देखने–सुनने-सोचने से लेकर अपने प्रत्येक क्रियाकलाप से गर्भ को संस्कार देती

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गर्भस्थ शिशु को सुसंस्कारी बनाने तथा उसके उचित पालन-पोषण की जानकारी देने हेतु पूज्य संत श्री आशारामजी बापू द्वारा प्रेरित महिला उत्थान मंडल द्वारा लोकहितार्थ दिव्य शिशु संस्कार अभियान प्रारंभ किया गया है ।